17 सहकारी संस्थाओं से पीड़ितों को दिलाएंगे दो हजार प्लॉट
इंदौर। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने भूमाफिया से पीड़ितों को प्लॉट दिलवाने के दूसरे चरण में 17 विभिन्न गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं से मार्च तक लगभग दो हजार प्लॉट दिलवाने के निर्देश दिए हैं। इन प्लॉटों का वितरण आईफा अवार्ड के दौरान या उसके बाद किया जाएगा।
शनिवार को राजस्व, नगर निगम और सहकारिता विभाग के अधिकारियों की बैठक में संभागायुक्त त्रिपाठी ने कहा कि दूसरे चरण के बाद तृतीय चरण के लिए रूपरेखा भी अभी से बना लें। बैठक में जागृति गृह निर्माण सहकारी संस्था की जांच के लिए नियुक्त एसडीएम प्रतुल सिन्हा ने बताया कि संस्था से संबंधित सदस्यों के लिए व्यापक तौर पर जनसुनवाई की गई थी। इसमें सभी दस्तावेज प्राप्त हो चुके हैं, जिनका अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपी जा रही है। संस्था में 169 प्लॉट ऐसे हैं, जिनकी सिंगल रजिस्ट्री है, जबकि 90 प्लॉट ऐसे हैं, जो 211 लोगों को बिके हैं। छानबीन के उपरांत 360 प्लॉट देने की स्थिति है। संस्था में व्यापक तौर पर गड़बड़ी भी सामने आई है। 1981 में बनी इस संस्था में हटाए गए और जोड़े गए सदस्यों के नाम स्पष्ट नहीं हैं। इसमें कार्य क्षेत्र के बाहर अन्य राज्यों में रहने वाले लोगों को भी सदस्य बना दिया गया है। गीता नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था में इंदौर विकास प्राधिकरण और सहकारिता से अनुमति प्राप्त हो चुकी है, जबकि नजूल की अनुमति प्रक्रिया अधीन है। कर्मचारी गृह निर्माण संस्था में सीमांकन में लापरवाही पाए जाने पर संभागायुक्त ने संबंधित तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने सहकारिता विभाग को इसमें ऑर्बिट्रेटर बनकर निराकरण कराने के निर्देश दिए। वरीयता सूची और पात्रता सूची का शुद्धिकरण अति आवश्यक है। यह कार्य तेज गति से हो और अपात्रों को हुई रजिस्ट्री निरस्त कराने की कार्रवाई भी की जाए। बैठक में उपस्थित राजस्व अधिकारियों ने बताया कि अवैधानिक रूप से नोटरी बनाने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। नोटरी के माध्यम से गरीबों को मकान बेचे जाने के अनेक मामले आ रहे हैं।
इन संस्थाओं के सदस्यों को मिलेंगे प्लॉट
सुविधा गृह निर्माण समिति से 22, अमृता गृह निर्माण समिति से 97, जागृति गृह निर्माण सहकारी संस्था से 360, गीता नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था से 167, संतोषी माता संस्था से 150, कविता गृह निर्माण सहकारी संस्था से 08, क्लासिक गृह निर्माण सहकारी संस्था से 300, सेंट्रल गवर्नमेंट हाउसिंग सोसायटी से 102, नंद गृह निर्माण सहकारी संस्था से 463, विकास अपार्टमेंट गृह निर्माण सहकारी संस्था से 27 सहित कुल सत्रह सहकारी समितियों से लगभग दो हजार प्लॉट दिलाए जाएंगे।