2 अप्रैल 2017 पर भी भारी पड़ा जनता कर्फ्यू, सड़कों की ही नहीं, गली मोहल्लों में भी नजर नहीं आए लोग

मुरैना। कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए पीएम मोदी के आह्वान पर रविवार को शहर सहित जिले के सभी कस्बाई क्षेत्रों में जनता कर्फ्यू रहा। खासबात यह रही कि रविवार को लगा कर्फ्यू 2 अप्रैल 2017 के दंगों के बाद लगे कर्फ्यू पर भारी पड़ गया। खासबात यह थी कि 2 अप्रैल को जो कर्फ्यू लगाया गया था, उसे प्रशासन व पुलिस ने लगाया था और सख्ती के बाद भी लोग सड़कों पर आने से नहीं चूक रहे थे। वहीं रविवार को पुलिस व प्रशासन को कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी। लोग स्वेच्छा से ही घरों पर रहे। मुख्य सड़कों की बात दूर, मोहल्ले व गलियों की दुकानें नहीं खुलीं। हालांकि इस दौरान पुलिस कर्मी विभिन्ना प्वाइंट्स पर ड्यूटी दे रहे थे और मोबाइल दस्ते भी शहर में गश्त कर रहे थे


 

हर जगह सन्नााटाः जनता कर्फ्यू सुबह सात बजे शुरू हुआ। सात बजे के बाद ही शहर की सड़कें, गलियां व मोहल्ले सूने हो गए। इक्का-दुक्का लोग ही सड़कों पर नजर आए। ये लोग वो थे, जिन्हें कोई जरूरी काम था या फिर वे यह देखने निकले थे कि कर्फ्यू कैसा लगा हुआ था। शहर का चाहे बैरियर चौराहा हो या हनुमान चौराहा या फिर एमएस रोड, सभी जगह सन्नााटा पसरा हुआ था।


मास्क व सैनिटाइजर के हर प्वाइंट पर पुलिस तैनात


 

शहर के तकरीबन सभी प्वाइंट्स पर पुलिस कर्मी तैनात थे। खासबात यह थी कि सभी पुलिस कर्मी मास्क लगाए हुए थे और उनके हाथों या जेब में सैनिटाइजर भी था। यदि वे किसी भी व्यक्ति को रोककर पूछताछ करते थे तो इसके बाद वे अपने हाथों को सैनिटाइज करते थे। सीएसपी, तीनों थानों के टीआई लगातार अपने वाहनों से गश्त कर रहे थे। साथ ही मोबाइल वैनों में लगे लाउड स्पीकरों से लोगों को घरों में रहने व स्वच्छता बरतने के निर्देश दे रहे थे।


न मेडिकल खुले न पेट्रोल पंप


कर्फ्यू का असर इसी बात से लगाया जा सकता है कि रविवार को न तो कोई मेडिकल स्टोर खुला था और न ही कोई पेट्रोल पंप। दोनों सब्जीमंडी, सदर बाजार में एक भी दुकान नहीं खुली थी। खाने का कोई होटल खुलना तो दूर, चाय की दुकानें व ठेले भी नहीं लगे।


बसें बंद रहीं, ई-रिक्शा भी नहीं चले


जनता कर्फ्यू में अंचल में बस सेवाएं पूरी तरह से बंद रहीं और शहर में भी ई रिक्शे नहीं चले। हालांकि लोग घरों से नहीं निकले इसलिए अधिक परेशानी नहीं हुई। लेकिन बाहर से ट्रेनों व अन्य साधनों से आने वाले लोगों को खासी परेशानी हुई।


रेलवे स्टेशन भी था सुनसान


ट्रेनों के रद्द होने से स्थानीय रेलवे स्टेशन भी सुनसान था। केवल कुछ ही ट्रेन आने वाली थीं, जो अपने शनिवार को चल चुकी थी। वे ही आकर रुक रही थीं। उनसे आने वाले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही थी।


सभी दुकानें बंद, लेकिन शराब की खुली


जनता कर्फ्यू में सभी दुकानें बंद थीं, लेकिन शहर की शराब की दुकानें जरूर खुली थीं। दोपहर बाद तक ये दुकानें खुली रहीं। लेकिन बाद में जब प्रशासन के संज्ञान में यह बात आई तब शराब दुकानों को बंद कराया गया। लोगों ने इन दुकानों के खुलने पर आश्चर्य जताया।