50 हजार से ज्यादा व्यावसायिक संपति के खाते निगम में नहीं
इंदौर। शहर में 50 हजार से ज्यादा व्यावसायिक संपत्ति ऐसी हैं जिनके खाते भी नगर निगम में नहीं खुले हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष का केवल एक माह बचा है जिसमें कम से कम तीन से चार करोड़ रुपए की वसूली होनी चाहिए। निगम अधिकारी व्यावसायिक संपत्ति पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करें और उन पर कार्रवाई करें।
कम वसूली से नाराज निगमायुक्त आशीष सिंह ने शनिवार को ये निर्देश निगम अफसरों को दिए। उन्होंने जोनल अधिकारियों और सहायक राजस्व अधिकारियों से कहा कि हर जोन में रोज कम से कम 20 ऐसी व्यावसायिक संपत्ति जब्त की जाए जिन पर संपत्ति कर बकाया है। जोनल अधिकारी उनके क्षेत्र में आने वाले जी प्लस थ्री आकार के भवनों की जांच करें कि उनके खाते खुले हैं या नहीं और उन पर कितना कर बकाया है। आयुक्त ने एआरओ से कहा कि वे बिल कलेक्टर से सख्ती से काम लें। उनसे रोज 14 से 16 घंटे काम कराएं। कम वसूली होने पर किसी को माफ नहीं किया जाएगा। जिसकी वसूली कम होगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बैठक के दौरान सिंह ने जल कर वसूली बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि पीएचई विभाग हर जोन के नल कनेक्शन काटने के लिए टीम गठित करे। अवैध नल कनेक्शन मिलने और जल कर नहीं देने वालों के कनेक्शन तुरंत कटवाएं।
65 कर्मचारियों को वसूली में लगाया
आयुक्त ने आदेश जारी कर इधर-उधर काम में लगे 65 कर्मचारियों को राजस्व वसूली में लगाया है। ये कर्मचारी अब तक महापौर सचिवालय, सभापति ऑफिस, नेता प्रतिपक्ष ऑफिस, महापौर परिषद सदस्य ऑफिस और अन्य जनप्रतिनिधियों के कार्यालय में पदस्थ थे। कर्मचारियों की नियुक्ति विभिन्ना जोन में की गई है।