7 साल में तैयार हुई 108 टन की विशाल हनुमान मूर्ति, जोड़ने में लगे 2 साल

7 साल में तैयार हुई 108 टन की विशाल हनुमान मूर्ति, जोड़ने में लगे 2 साल


इंदौर। पितृ पर्वत पर बनाए गए अष्टधातु के पितरेश्वर हनुमान के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में सोमवार को कलश यात्रा निकाली जाएगी। आयोजकों के मुताबिक यात्रा में एक लाख महिलाएं कलश लेकर चलेंगी। जगह-जगह यात्रा का स्वागत विभिन्ना संगठन द्वारा पुष्प वर्षा कर किया जाएगा। इसमें सैकड़ों साधु-संत और महात्मा शामिल होंगे। इसमें श्रद्धालु हनुमान चालीसा और राम नाम की महिमा का गुणगान करते चलेंगे।


यात्रा की शुरुआत एरोड्रम रोड स्थित विद्याधाम से सुबह 11 बजे होगी। यात्रा यहां से सात किलोमीटर का सफर तय कर पितृ पर्वत पर पहुंचेगी। आयोजन में 24 फरवरी से उत्तम स्वामी महाराज की रामकथा और कनकेश्वरी देवी की शिव पुराण कथा होगी। इसके साथ ही महामंडलेश्वर चिन्मयानंद सरस्वती महाराज के सान्निध्य में नौ दिवसीय अतिरुद्र महायज्ञ होगा। इसके बाद समापन अवसर पर 3 मार्च को नगर भोज होगा।


 

इसमें हजारों श्रद्धालुओं के लिए 10 स्थानों पर नगर भोज होगा। आयोजन स्थल पर पांच हाईमास्ट और पूरी पहाड़ी पर हरी लाइट लगाई गई है। रविवार को विद्वान पंडितों द्वारा पूजा-अर्चना की गई। आयोजन समिति के राजा कोठारी ने बताया कि इसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भाग लिया।


125 कारीगरों ने सात साल में दिया 66 फीट की मूर्ति को आकार


राम भक्त हनुमान की 66 फीट ऊंची मूर्ति का निर्माण ग्वालियर में 125 कारीगरों द्वारा किया गया। इसे सात साल में 264 हिस्सों में बनाया गया। इन हिस्सों को जोड़ने में करीब दो साल का समय लगा। मूर्ति का वजन 108 टन बताया जाता है। गदा की लंबाई 45 फीट है।