दिग्विजय सिंह बोले, अफसरों को प्रशिक्षण की जरूरत, डीजीपीने कहा, नेता करें अच्छा व्यवहार
भोपाल । आईपीएस मीट 2020 में शामिल होने प्रदेशभर से आए अधिकारी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और डीजीपी वीके सिंह से सवाल-जवाब के जरिए रूबरू हुए। उन्होंने खुलकर सवाल पूछे तो पूर्व मुख्यमंत्री ने भी खुलकर जवाब दिए। अधिकारियों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि आए दिन सुनने में आता है कि अधिकारी का जनता से विवाद हो गया। ऐसा नहीं होना चाहिए। अधिकारियों को सबसे अच्छा समान व्यवहार करना चाहिए। कोई किसी भी जाति या धर्म को अधिकारियों को उससे समान व्यवहार ही करना चाहिए। इससे विवाद की कोई स्थिति कभी नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि विवाद की स्थिति तब बनती है जब आप जाति या धर्म देखकर सबसे अलग अलग व्यवहार करते हैं।
अधिकारियों को जनता से अच्छा व्यवहार करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इसके बाद अधिकारियों को डीजीपी वीके सिंह ने भी संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में स्पष्ट तौर पर कह दिया कि नेता अधिकारियों से अच्छा व्यवहार करें इस बात की भी सीख और प्रशिक्षण उन्हें दिया जाना चाहिए। डीजीपी का पुलिस अधिकारियों के पक्ष में इस तरह से खुलकर सामने आना चर्चा का विषय बना रहा। डीजीपी ने कहा कि चुनौतियों का सामना डटकर करें।
अपने कर्तव्य को निभाने में कभी पीछे नहीं हटें। उन्होंने कहा कि अब अपराधियों से निपटने के तरीके भी बदलने की जरूरत है। एक अफसर ने दिग्विजय सिंह से पूछा कि एनआरसी और सीएए सही है या नहीं आप इसे क्यों लागू नहीं होने देना चाहते। इस पर दिग्विजय ने कहा कि मैं सीएए और एनआरसी के लागू होने के पक्ष में नहीं हूं। इसे लागू करने के पहले इसमें सुधार किया जाना चाहिए।
अफसरों ने सिंह से ये पूछे सवाल
- पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होना चाहिए या नहीं, आप पक्ष में हैं या नहीं?
जवाब - पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने के पक्ष में हूं। इसे बिल्कुल लागू किया जाना चाहिए। जब मैं मुख्यमंत्री था तब मैंने केन्द्र सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा भी था। लेकिन तत्कालीन केन्द्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था जिसके बाद मामला दब गया।
- नेताओं का व्यवहार अधिकारियों के प्रति अच्छा क्यों नहीं रहता? उन्हें अधिकारियों से बात करने के लिए कोई प्रशिक्षण क्यों नहीं दिया जाता है?
जवाब - मैं भी इस मामले का पक्षधर हूं कि सभी से सलीके से और आदरपूर्वक बात और व्यवहार होना चाहिए। सभी का सम्मान होता है इसलिए सभी से सम्मानपूर्वक बात होनी चाहिए।