कर वसूली में लापरवाही पर बिगड़ेगी सीआर
भोपाल । नगरीय निकायों की खराब आर्थिक स्थिति के चलते न केवल विकास कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि कर्मचारियों को भी वेतन मिलने में भी भारी परेशानी हो रही है। इस स्थिति से निपटने के लिए अब सरकार ने नगरीय निकायों में संपत्ति और जलकर वसूली पर पूरा फोकस शुरू कर दिया है। यही वजह है कि अब सरकार ने फैसला किया है कि कर वसूली में लापरवाही करने वाले नगरीय निकायों के राजस्व अफसरों की कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (सीआर) में इसका उल्लेख किया जाएगा, बल्कि उनकी वेतन भी वूसले जाने वाले कर से ही दी जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में अभी 378 नगरीय निकाय हैं। इसके साथ ही सरकार ने फैसला किया है की 5 फीसदी से भी कम राजस्व वसूली करने वाले नगरीय निकायों को अप्रसन्नता प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
900 करोड़ की वसूली का लक्ष्य
नगरीय विकास विभाग ने वर्ष 2019-20 के लिए सभी नगरीय निकायों को प्रापर्टी और वॉटर टैक्स वसूली का टारगेट 908 करोड़ रुपए का दिया है। इसे देखते हुए निर्णय लिया है कि 31 मार्च 2020 की स्थिति में राजस्व वसूली परफारमेंस सीआर में दर्ज की जाएगी। इसका प्रभाव प्रमोशन पर पड़ेगा।
इन निकायों में 5 प्रतिशत से भी कम वसूली हुई
प्रापर्टी- पांडलिया खुर्द, शहोदरा, सीतामऊ, सिंगोली और गरोठ।
जलकर-कुरावर, बिजौरी, नौरोजाबाद, पेटलाबद, अंबाह।
19-20 की वसूली स्थिति
प्रॉपर्टी टैक्स (करोड़ रुपए)
टारगेट वसूली प्रतिशत
711.14 415.00 58
वाटर टैक्स (करोड़ रुपए)
194.53 134.82 69
ये भी लिए गए निर्णय
– कर वसूली से संबंधित सभी आय की जानकारी ऑनलाइन ई नगर पालिका के पोर्टल पर हो।
– बेहतर वसूली की नगरीय निकायों को प्रशंसा पत्र एवं सम्मानित भी किया जाएगा जिसका इंसेटिव नगरीय निकायों को मिलेगा।
– नगरीय निकायों को अतिरिक्त मांग एवं वसूल के लिए किए जाने वाले प्रयास के संबंध में कार्रवाई होगी।
यह किए जाएंगे उपाय
-लोक अदालत के माध्यम से लंबित प्रकरणों का निराकरण।
– ई नगर पालिका के माध्यम से ऑलाइन संपत्ति कर एवं अन्य कर शुल्क जमा करने की सुविधा।
– बकायादारों को मांगपत्र जारी किया जाए।
– शासकीय संपत्तियों से सेवा शुल्क की वसूली हेतु मांग पत्र तैयार हो।
– अवैध नल कनेक्शन नियमित किए जाएं।
– निकाय की संपत्तियों और दुकानों के अनुबंध के अनुसार किराए में वृद्धि की जाए।
– होर्डिंग्स, एडवरटाइजिंग, पार्किंग शुल्क, ट्रेड लाइसेंस और बाजार बैठकी की वसूली दर बढ़े।