स्थाई आदेश निकला नहीं और गन्ने की चरखी की जारी कर दी अनुमतियां

स्थाई आदेश निकला नहीं और गन्ने की चरखी की जारी कर दी अनुमतियां


भोपाल । राजधानी में गन्नो की चरखी को लेकर भले ही निगम प्रशासन ने स्थाई आदेश जारी न किया हो, लेकिन जोन अधिकारी मनमर्जी से अनुमतियां दे रहे हैं। ऐसा ही मामला जोन-11 में आमने आया है। वरिष्ठ अधिकारियों को जैसे ही मामले की जानकारी मिली तो आनन-फानन में अनुमतियां निरस्त कर दी गईं।


शहर में हर साल गन्ने की करीब एक हजार चरखी सड़कों, चौराहों, तिराहों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगाई जाती हैं। इसके लिए एमआईसी मेंबर बैठक कर निर्णय लेते थे। इसके बाद स्थाई आदेश जारी किया जाता था। महापौर परिषद का कार्यकाल खत्म होने के कारण चरखी के लिए प्रशासक व संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव को स्थाई आदेश जारी करना है, जो अभी तक नहीं हुआ है। इसके चलते अधिकारी मनमाने तरीके से आदेश जारी कर रहे हैं। उधर, अधिकारियों की शह पर शहर में कई स्थानों पर गन्ने की चरखी के लिए दुकानें सजने लगी हैं। अशोका गार्डन, अफसरा टॉकीज, पिपलानी, करोंद क्षेत्र में तंबू लगाए जा रहे हैं। बता दें कि बीते साल स्थाई आदेश में दुकानों का आकार 600 वर्ग फीट एरिया में तहबाजारी में 10 प्रतिशत वृद्धि कर 294 रुपये प्रतिदिन वसूली तय की गई थी। शिकायतकर्ता नितिन सक्सेना ने बताया कि अनुमतियों को निरस्त कर दोषी अधिकारियों को बचाया जा रहा है।