सरकार के फैसले से सत्ता व विपक्ष के विधायक नाराज
भोपाल । मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए एक फैसले से बीजेपी के साथ ही कांग्रेस के विधायक नाराज हो गए हैं। खास बात यह है कि इसमें वे विधायक भी शामिल हैं, जो बाहर से सरकार को समर्थन कर रहे हैं। दरअसल राज्य सरकार ने हाल ही में विधायक निधि के खर्च पर कुछ पाबंदियां लागू कर दी हैं। जिसके तहत विधायक अपनी निधि से निजी स्कूलों के भवन निर्माण, फर्नीचर-टाटपट्टी आदि खरीदने के साथ धर्मशाला, सामुदायिक भवन निर्माण या सामाजिक संस्थाओं और ट्रस्टों को राशि नहीं दे सकेगेें। सरकार के इस फैसले से सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी विधायक भी नाराज हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र में काम करने का एक मात्र साधन विधायक निधि ही होती है। गौरतलब है कि प्रदेश की सत्ता में रही भाजपा सरकार के दौरान उसके विधायकों द्वारा अपने इलाके के सरस्वती शिशु मंदिर के भवन बनाने और फर्नीचर की व्यवस्था के लिए पैसा दिया गया था। उस समय विपक्ष में रहने के दौरान कांग्रेस इसका विरोध करती रही है। सरकार के इस फैसले को इसी से जोड़ा जा रहा है।
क्या कहना है कांग्रेस विधायकों का
सत्ता पक्ष के विधायक फुंदेलाल मार्को का इसको लेकर कहना है कि इस तरह के प्रतिबंध उचित नहीं हैं। विधयाक अपने क्षेत्र में काम ही कैसे कर पाएंगे। विधायक निधि से हम अपने क्षेत्र में छोटे-छोटे जनकार्य करवाते हैं। इसमें सामुदायिक भवन और निजी स्कूल भी शामिल हैं। सरकार का यह निर्णय ठीक नहीं है। इसे सुधारकर व्यवस्था पूर्वत की जाना चाहिए। वहीं सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कहा कि विधायक निधि का पैसा सामाजिक संस्थाओं और जरूरतमंद को न दें तो क्या सरकारी संस्थाओं को दें। अगर ऐसा है तो फिर सरकार ही अपनी तरफ से पैसा खर्च कर लें। विधायकों के माध्यम से खर्च कराने की क्या जरूरत है। इस निधि से हम उन रजिस्टर्ड संस्थाओं की मदद करते हैं। जहां वास्तव में आवश्यकता है।
सरकार कर रही विधायकों के अधिकारों पर अतिक्रमण
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि सरकार विधायकों के अधिकारों पर अतिक्रमण कर रही है। सरकार के पास आइफा अवार्ड में फिजूलखर्ची के लिए पैसा है, लेकिन चुने हुए जनप्रतिनिधियों के हक का पैसा वो सही जगह नहीं लगवाना चाहती है। छोटे-छोटे गांव में सामुदायिक भवन इस निधि से बनाए जाते हैं। सरकार को यह निर्णय वापस लेना होगा। विपक्ष विधानसभा में इस मुद्दे को पूरी ताकत से उठाएगा।